मुगल साम्राज्य में अकबर का इतिहास (1542-1605 ई)

मुगल साम्राज्य में अकबर का इतिहास (1542-1605 ई)

  • सम्राट अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 ई का हमीदा बानू बेगम के गर्भ से अमरकोट के राणा वीर साल के महल में हुआ.
  • अकबर का राज्याभिषेक 14 फ़रवरी 1556 ई को पंजाब के कलानौर नामक स्थान पर हुआ.
  • अकबर का शिक्षक अब्दुल लतीफ इरानी विद्वान था.
  • वह जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर वादशाही गाजी की उपाधि से राजसिंहासन पर बैठा.
  • बैरम खाँ 1556 से 1560 ई तक अकबर का संरक्षण रहा.
  • पानीपत की दूसरी लड़ाई 5 नवम्बर 1556 ई को अकबर और हेमू के बीच हुई थी.
  • मक्का की तीर्थ यात्रा के दौरान पाटन नामक स्थान पर मुबारक खाँ नामक युवक ने बैरम खाँ हत्या कर दी.
  • मई 1562 ई में अकबर ने हरम दल से अपने को पूर्णत: मुक्त कर लिया.
  • हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 ई को मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुआ. इस युद्ध में अकबर विजयी हुआ. इस युद्ध में मुग़ल सेना का नेतृत्व मान सिंह और आसफ खाँ ने किया था.
  • अकबर का सेनापति मानसिंह था.
  • महाराणा प्रताप की मृत्यु 57 वर्ष की उम्र में 19 फ़रवरी 1597 ई में हो गई.
  • गुजरात विजय के दौरान अकबर सर्वप्रथम पुर्तगालियों से मिला और यहीं उसने सर्वप्रथम समुद्र को देखा.
  • दीन-ए-इलाही धर्म का प्रथान पुरोहित अकबर था.
  • दीन-ए-इलाही धर्म स्वीकार करने वाला प्रथम और अंतिम हिन्दू शासक बीरबल था.
  • अकबर ने जैनधर्म के जैनाचार्य हरिविजय सूरि को जगतगुरु की उपाधि प्रदान की थी.
  • राजस्व प्राप्ति की जब्ती प्रणाली अकबर के शासनकाल में प्रचलित थी.
  • अकबर के दीवान राजा टोडरमल ने 1580 ई में दहसाल बंदोबस्त व्यवस्था लागू की.
  • अकबर के दरबार का प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन था.
  • अकबर के दरबार के प्रसिद्ध चित्रकार अब्दुस्समद था.
  • दसवंत और बसावन अकबर के दरबार के चित्रकार थे.
  • अकबर के शासनकाल के प्रमुख गायक तानसेन, बाजबहादुर, बाबा रामदास और बैजू बाबरे थे.
  • अकबर की शासन प्रणाली की प्रमुख विशेषता मनसबदारी प्रथा थी.
  • अकबर के समकालीन प्रसिद्ध सूफी संत शेख सलीम चिश्ती थे.
  • अकबर को सिकंदराबाद के निकट दफनाया गया.
  • स्थापत्यकला के क्षेत्र में अकबर की महत्पूर्ण कृतिया है – दिल्ली में हुमायूँ का मकबग आगरा का लालकिला, फतेहपुरा सिकरी में शाहिमहल, दीवाने खास, पंचमहल, बुलंद दरवाजा, जोधाबाई का महल, इबादत खाना, इलाहाबाद का किला और लाहौर का किला.

अकबर द्वारा जीते गए प्रदेश

प्रदेश
शासक
वर्ष
मुग़ल सेनापति
मालवा
बाजबहादुर
1561
आधम खाँ, पीर मुहम्मद
चुनार
अफगानों का शासन
1562
अब्दुल्ला खाँ
गौदवाना
वीरनारायण और दुर्गावती
1564
आसफ खाँ स्वयं अधीनता
आमेर
भारमल
1562
स्वीकार किया
मेड़ता
जयमल
1562
सरफुद्दीन
मेवाड़
उदय सिंह और राणा प्रताप
1568
स्वयं अकबर मानसिंह और आसफ खाँ
रणथम्भौर
सुरजनहाड़ा
1569
भगवान दास और अकबर
कालिंजर
रामचंद्र
1569
मजनू खाँ काकशाह
मारवाड़
राव चन्द्रसेन
1570
स्वेच्छा से अधीनता स्वीकारी
जैसलमेर
रावल हरिराय
1570
स्वेच्छा से अधीनता स्वीकारी
बीकानेर
कल्याणमल
1570
स्वेच्छा से अधीनता स्वीकारी
गुजरात
मुजफ्फर खाँ-III
1571
खाने आजम सम्राट अकबर
बिहार और बंगाल
दाउद खाँ
1574-1576
मुनीम खाँ खानखाना
काबुल
हकीम मिर्जा
1581
मानसिंह और अकबर
कश्मीर
युसुफ याकूब खाँ
1586
भगवान दास और कासिम खाँ
सिंध
जानीबेग
1591
अब्दुर्रहीम खानखाना
उड़ीसा
निसार खाँ
1590-1591
मानसिंह
बलूचिस्तान
पन्नी अफगान
1595
मीर मासूम
कंधार
मुजफ्फर हुसैन
1595
शाहबेग


दक्षिण भारत के जीते गए प्रदेश

खानदेश
अली खाँ
1591
स्वेच्छा से अधीनता स्वीकारी
दौलताबाद
चाँद बीबी
1599
मुराद, अब्दुर्रहीम खानखाना अबुलफजल, अकबर
अहमदनगर
बहादुर शाह चाँद बीबी
1600
-
असीरगढ़
मीरन बहादुर
1601
अकबर 

(यह अकबर का अंतिम अभियान था)


 अकबर के द्वारा किये गए कुछ महत्वपूर्ण कार्य

कार्य
वर्ष
दासप्रथा का अंत 1562
अकबर को हरमदल से मुक्ति 1562
तीर्थयात्रा कर समाप्त 1563
जजिया कर समाप्त 1564
फ़तेहपुर सिकरी की स्थापना 1571
इबादतखाने की स्थापना 1575
इबादतखाने में सभी धर्मों के लोगों के लोगों के प्रवेश के अनुमति 1578
मजहर की घौषणा 1579
दीन-ए-इलाही की स्थापना 1582
इलाही संवत की शुरुआत 1583
राजधानी लाहौर स्थानांतरित 1585


  • अकबर के दरबार को सुशोभित करने वाले नो रत्न इस प्रकार है-
    1. बीरबल
    2. अबुफजल
    3. टोडरमल
    4. भगवान दास
    5. तानसेन
    6. मानसिह
    7. अब्दुर्रहीम खानखाना
    8. मुल्ला दो प्याजा
    9. हकीम हुकाम
  • अबुल फजल का बड़ा भाई फैजी अकबर के दरबार में राजकवि के पद पर आसीन था.
  • अबुल फजल ने अकबरनामा ग्रन्थ की रचना की. वह दीन-ए-इलाही धर्म का कट्टर समर्थक था.
  • बीरबल के बचपन का नाम महेश दास था.
  • संगीत सम्राट तानसेन का जन्म ग्वालियर में हुआ था. इसकी प्रमुख कृतियाँ थी, मियाँ की टोडी, मियाँ का मल्हार, मियाँ का सारंग आदि.
  • कंठाभरण वाणीविलास की उपाधि अकबर ने तानसेन को दी थी.
  • अकबर ने भगवान दास आमेर के राजा भारमल के पुत्र को अमीर-ऊल-ऊमरा की उपाधि दी.
  • 1602 ई में सलीम जहाँगीर के निर्देश पर दक्षिण से आगरा की और आ रहे अबुल फजल को रास्ते में वीर सिंह बुंदेला नामक सरदार ने हत्या कर दी.
  • मुग़ल सम्राट अकबर ने अनुवाद विभाग की स्थापना की.
  • मुगलों की राजकीय भाषा फ़ारसी थी.
  • महाभारत का फ़ारसी भाषा में रज्मनामा नाम से अनुवाद बदायूनी, नकीब खाँ और अब्दुल हुसैन फैज ने यार ए दानिश नाम से किया.
  • पंचतंत्र का फारसी भाषा में अनुवाद अबुल फजल ने अनवर-ए-सादात नाम से तथा मौलाना हुसैन फैज ने यार-ए-दानिश नाम से किया.
  • अकबर के काल को हिंदी साहित्य का स्वर्णकाल कहा जाता है.
  • बुलंद दरवाजा का निर्माण अकबर ने गुजरात विजय के उपलक्ष्य में करवाया था.
  • अकबर ने शौरी कलम की उपाधि अब्दुससमद को और जड़ी कलम की उपाधि मुहम्द्द हुसैन कश्मीरी को दिया.

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